Thursday, January 29, 2009

मैं इसे महसूस करता था

मैं इसे महसूस करता था
और तुम इसे जी रहे हो !

कभी शब्दों में
कभी गीतों में
कभी भावों में
कभी अर्थों में
कभी वेदना
कभी संवेदना
कभी कल्पना ,
मैं इसे महसूस करता था
और तुम इसे जी रहे हो !

इस घुटन को
इस बंधन को
इस संघर्ष को
इस जीवन को
इक इच्छा
इक हौसला
इक परिणाम,
मैं इसे महसूस करता था
और तुम इसे जी रहे हो !