मैं इसे महसूस करता था
और तुम इसे जी रहे हो !
कभी शब्दों में
कभी गीतों में
कभी भावों में
कभी अर्थों में
कभी वेदना
कभी संवेदना
कभी कल्पना ,
मैं इसे महसूस करता था
और तुम इसे जी रहे हो !
इस घुटन को
इस बंधन को
इस संघर्ष को
इस जीवन को
इक इच्छा
इक हौसला
इक परिणाम,
मैं इसे महसूस करता था
और तुम इसे जी रहे हो !
Thursday, January 29, 2009
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