रातों की नींद क्या होती है?
उनसे पूछ लो
जिनके ख्वाब टूट जाते हैं।
सपनों का महल
बनाया तो उसने था,
मिटटी कच्ची रह गयी
या ईंट तैयार नहीं हुआ,
कहीं संगमरमर की जगह
कांच तो नहीं रह गया ?
ऐसा ही लगता है
मानो समंदर के किनारे
रेत इकट्ठे कर लिए थे,
और उन रेतों से बनाए
सपनों के घरौंदे,
लहरें आती है
छन्न से टूट जाते है
सारे सपने
और मैं जाग जाता हूँ।
रातों की नींद क्या होती है?
उनसे पूछ लो
जिनके ख्वाब टूट जाते हैं।
उनसे पूछ लो
जिनके ख्वाब टूट जाते हैं।
सपनों का महल
बनाया तो उसने था,
मिटटी कच्ची रह गयी
या ईंट तैयार नहीं हुआ,
कहीं संगमरमर की जगह
कांच तो नहीं रह गया ?
ऐसा ही लगता है
मानो समंदर के किनारे
रेत इकट्ठे कर लिए थे,
और उन रेतों से बनाए
सपनों के घरौंदे,
लहरें आती है
छन्न से टूट जाते है
सारे सपने
और मैं जाग जाता हूँ।
रातों की नींद क्या होती है?
उनसे पूछ लो
जिनके ख्वाब टूट जाते हैं।
No comments:
Post a Comment