कोई कठपुतली
करतब दिखाते हुए,
गलती से यही समझ बैठा
कि वह कारामती है;
कितनी बार गिरता है
गिरकर फ़िर उठता है
और करतब दिखाता है
पर समझ नही पाता है
कि ये तो उनका प्रयास है
इनकी डोर जिसके पास है;
आख़िर वह थक जाता है
फ़िर भी करतब करते हुए
ख़ुद को वह पाता है,
तब उसे समझ आता है
कि वो किसी डोर से बंधा है
जो किसी और के पास है
ये उन्ही का प्रयास है।।
-every human bound by nature-
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