Monday, September 14, 2009
हिन्दी दिवस क्यों रख दिया है ?
सुबह-सवेरे देखा, आया एक SMS है;
"मुबारक आलोकजी! आज हिन्दी दिवस है " ।
'हिन्दी दिवस का क्या करूँ,
मेरा बहुत ही बुरा हाल है;
रात्रि-जागरण करते-करते
दोनों आँखें लाल-लाल है ।'
इतना सोचा और आँखें अपनी धोकर आ गया,
अंग्रेजी की पुस्तकों को आंखों से लगा लिया।
यही वातावरण तो संस्थान में गत वर्ष था,
जब देश मना रहा हिन्दी दिवस पर हर्ष था;
हम मिडसेम के लिए पढ़ाई कर रहे थे ,
IIT भाषा में 'इन्फी मगाई' कर रहे थे ।
मुझे शिकायत है हिन्दी दिवस बनाने वालो से,
जिसे हमदर्दी भी नहीं थी, हम मनाने वालों से ;
अरे! जनवरी में रखते, फरवरी में रखते,
मिडसेम के समय ही क्यों रख दिया है ?
जब अंग्रेजी में पूरा पाठ्यक्रम बनाया,
फिर हिन्दी दिवस भी क्यों रख दिया है ?
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