मौसम कुछ-कुछ बदल रहा है..
गर्मी तो अब बीत चली है
ताप रवि का लरज रहा है,
लो साथी ये सावन आया
बादल आ-आ गरज रहा है;
मौसम......
शीत का प्रकोप भी अब
धीरे-धीरे टल रहा है,
बागों में कूके ये कोयल
फूल कोई फल रहा है;
मौसम......
इन बदले-बदले मौसम में
जीवन सारा बदल रहा है,
वो देखो अब सूरज ये भी
धीरे-धीरे ढल रहा है;
मौसम......
Thursday, August 03, 2006
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